12 वां जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम
फोटोग्राफ्स
11 वां जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम
फोटोग्राफ्स
10 वां जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम
8वा जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम
रिपोर्ट
परिचय
जनजातियां, लोगों का एक ऐसा समूह है, जिनकी भाषा, संस्कृति, जीवनशैली और सामाजिक-आर्थिक स्थिति भिन्न-भिन्न होती हैं तथा ये सभी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में निवास करते हैं। साधारणत:, ये जनजातियां जंगलों के भीतर, दूरस्थ एवं दुर्लभ क्षेत्रों अथवा जंगलों की बाह्य सीमाओं तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। संविधान के अनुच्छेद 180 के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों में वे जनजातियां या आदिवासी समुदाए अथवा इन जनजातियां और आदिवासी समुदाय के भीतर के समूहों के भाग आते हैं, जिनकी राष्ट्रपति द्वारा सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जनजाति देश की कुल आबादी के 8.6 प्रतिशत भाग का प्रतिनिधित्व करती है, जोकि देश की 10.42 मिलियन जनसंख्या है। इन सभी जनजातियों को इनकी विविध संस्कृतियों, विस्तृत रूप से फैले हुए दूसरे समुदायों के साथ होने वाले संपर्कों से सुदूर रहने तथा उनके आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
देश के दूरस्थ प्रांतों में रहने वाली जनजातियों को देश के किसी दूसरे स्थान पर क्या हो रहा है, इसके बारे में भी प्राथमिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि छात्र और युवा समुदायों को देश के दूसरे भागों में रहने वाले अपने सहकर्मी समूहों के साथ बातचीत करने के लिए पर्याप्त जानकारी और अवसर मिलते रहते हैं, तो उनके मध्य व्याप्त अतिवादी गतिविधियों को कम किया जा सकता है। इस संदर्भ में यह प्रस्तावित किया जाता है कि आदिवासी युवाओं को सकारात्मक रूप से सम्मिलित और शिक्षित किया जाना चाहिए और इसके लिए आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम बहुत ही मददगार साबित होंगे।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रोत्साहन के साथ नेहरू युवा केंद्र संगठन आदिवासी युवाओं के विकास के लिए आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का आयोजन करता है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से नेहरू युवा केंद्र संगठन ने वर्ष 2006 से अब तक नौ आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
ध्येय एवं लक्ष्य