परिचय
भारत में युवावस्था से वयस्कता की ओर बढ़ रहे लोगों की संख्या सर्वाधिक है। राष्ट्रीय युवा नीति 2003 में 13 से 35 वर्ष की आयु के व्यक्ति को युवा के रूप में परिभाषित किया गया है। जोकि देश में कुल जनसंख्या का लगभग 41 प्रतिशत भाग है तथा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल युवा वर्ग जनसंख्या 69.67 प्रतिशत है। भारत की कुल जनसंख्या में 70 प्रतिशत से अधिक की आयु 35 वर्ष से कम है।
यह नोट करें कि युवा मामले विभाग, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार की वर्तमान राष्ट्रीय युवा नीति दस्तावेज 2014 में 15 से 29 वर्ष के समूह वर्ग को युवा बताया गया है, जहां तक विभिन्न नीतिगत व्याख्यों का संबंध है। हम अधिक से अधिक केन्द्रित सोच रखनी होगी। देश की जनसंख्या में 27.5 प्रतिशत भाग 15 से 29 वर्ष की आयु समूह के युवा वर्ग का है। वर्तमान में भारत की कुल राष्ट्रीय आय में लगभग 34 प्रतिशत योगदान 15 से 29 वर्ष के आयु समूह के युवाओं का है।
राष्ट्रीय युवा नीति 2014 को ध्यान में रखते हुए में जब तक स्पष्ट उल्लेख नहीं किया जायेगा उनके अलावा 15-29 वर्ग के आयु समूह के युवा नेयुकेसं के मुख्य कार्यक्रमों, योजनाओं, परियोजनाओं और अन्य गतिविधियों के लाभार्थी होंगे।
युवा वर्ग सर्वाधिक उत्साही तथा संसाधन सम्पन्न भाग होने के कारण, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के पोषण तथा सुदृढ़ीकरण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। चुनौती यह है कि गरीबी से बाहर निकलने, विकास के सृजन तथा जीविका परिणामों की प्राप्ति के लिए उनकी आंतरिक क्षमताओं को उजागर कर विकसित किया जाए, ताकि वे एक स्वस्थ और सार्थक जिंदगी बिता सकें। फिर भी उनके श्रम शक्ति की भागीदारी और उनकी उत्पादकता में वृद्धि से देश के नागरिकों के इस वर्ग का योगदान बढ़ाने के लिए एक विशाल क्षमता मौजूद है।