बेसिक वोकेशंस एवं सॉफ्ट स्किल्स में शिक्षा (ईबीवीएसएस)
पृष्ठभूमि
बेसिक वोकेशंस एंड सॉफ्ट सॉफ्ट्स में शिक्षा का लक्ष्य ग्रामीण युवा महिलाओं और पुरुषों मंे बेसिक वोकेशंस एवं सॉफ्ट स्किल्स विकसित करने की शिक्षा देना है और समाज में अपने आत्म सम्मान को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य एजेंसियों से कौशल विकास प्रशिक्षण लेने के लिए मार्गदर्शन करना है। युवा महिलाओं और पुरुषों के अपने दैनिक जीवन में सामने आने वाली समस्याओं और समाधान कर उन मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए सशक्त बनाना भी है।
कार्यक्रम के तहत विचार की गई गतिविधियों का अनुक्रम युवाओं को समूहों में संगठित करना, उनके कौशल में सुधार करना, समर्थन सेवाओं की व्यवस्था करना, नेयुकेसं की वार्षिक कार्य योजना के दिशानिर्देशों में पहले उल्लेख किए गए प्रमुख केन्द्र बिन्दू क्षेत्रों पर जागरूकता और शिक्षा प्रदान करना है।
इसमें युवा महिलाओं एवं पुरूषो को अन्य एजेंसियों से कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए जागरूक करने पर अत्यधिक जोर दिया जाना चाहिए। ताकि वे धीरे-धीरे अपनी आजीविका के लिए आय उत्पन्न करने वाली इकाइयों को स्थापित करके अर्थपूर्ण रूप से व्यवसायी या स्वंव्यवसायी हो जाएं।
उद्देश्य
उन्हें नए कौशल के बारे में जागरूक करना जिसके लिए बाजार में बढ़ती मांग है?
प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या: जिले में जिला ब्लाकों की उपलब्धता के आधार पर नीचे दी गई तालिका के अनुसार।
श्रेणी |
रू.21,000/- प्रति सेन्टर की दर से प्रति जिला कार्यक्रमों की संख्या | धनराशि | शामिल किए जाने वाले प्रतिभागियों की संख्या न्यूनतम 25 प्रति कार्यक्रम |
जिला जिसमें 1-3 ब्लाॅक हैं। |
6 |
1,26,000/- |
150 |
जिला जिसमें
4-5 ब्लाॅक हैं। |
6 |
1,26,000/- | 150 |
जिला जिसमें 6-10 ब्लाॅक हैं। |
6 |
1,26,000/- | 150 |
जिला जिसमें 11-15 ब्लाॅक हैं। |
8 |
1,68,000/- | 200 |
जिला जिसमें 16 एवं अधिक ब्लाॅक हैं। | 9 | 1,89,000/- | 225 |
प्रति कार्यक्रम प्रतिभागियों की संख्या
अवधि:
इबीवीएसएस के संचालन हेतु रणनीति
बेसिक वोकेशन एवं साफ्ट स्किल में शिक्षा हेतु सेक्टर, ट्रेड तथा व्यवसाय
निम्नलिखित सेक्टर, ट्रेड तथा व्यवसायों (सूची केवल संकेतात्मक है) पर बल दिया जा सकता है।
क्र. सं. | सेक्टर | प्रस्तावित व्यवसाय |
1. | कृषि | मशरूम खेती, मधुमक्खी पालन, औषधीय पौघों की खेती, बागबानी, पुष्पकृषि, वर्मीकल्चर, बैकयार्ड सब्जी कृषि |
2 | डेरी | कार्य छोटे दुधारू/डेरी पशु (भैंस, गाय) प्रजनन इकाइयां, दुग्ध एकत्रीकरण एवं विक्रय, दुग्ध प्रसंस्करण (घी, पनीर, खोया) |
3. | पशुपालन | मांस/ऊन के लिए बकरी/भेड़ प्रजनन, बैकयार्ड पोल्ट्री एवं देसी पक्षी (बत्तख, कोयल), सूअर पालन, खरगोश प्रजनन इत्यादि |
4. | मत्स्य पालन | मत्स्य प्रजनन/छोटे तालाबों में बीज उत्पादन, मत्स्य प्रसंस्करण (शुष्कन, मत्स्य अचार), मछली पकड़ने के जाल बनाना तथा मरम्मत, मत्स्य चारा उत्पादन, छोटी उत्पत्तिशालाएं, मजदूरी रोजगार (चारा, पहरा एवं निगरानी, तालाबों की खरपतवार सफाई, संचयन) |
5. | हथकरघा | बुनाई, प्रसंस्करण (डाईंग, ब्लीचिंग, मर्सराइजिंग), पैकेजिंग |
6. | हस्तशिल्प | हस्तशिल्प की वस्तुएं बनाना, प्रसंस्करण गतिविधियंा (पालिश करना, रंग करना) |
7. | रेशम उत्पादन | शहतूत की खेती, कोकून प्रजनन, यैम की रीलिंग |
8. | सामाजिक वानिकी तथा वन आधारित गतिविधियां | पौधशालाएं तैयार करना, वन भूमि/परती भूमि पर वन प्रजातियों की खेती, गौण वनोपज एकत्र करना (गोंद, बेरी, औषधीय/हर्बल उत्पाद, मधु) |
9. | खाद्य प्रसंस्करण | जैम, जेली, मुरब्बा, पेठा, चिप्स/वेफर्स, नूडल्स, पापड़, अचार, बेकरी उत्पाद बनाने के लिए फल और सब्जी प्रसंस्करण |
10. | स्थानीय रूप से उपयुक्त अन्य कोई खंड | बुनाई, कशीदाकारी, जरदोजी कार्य, फिनिशिंग, कटिंग और टेलरिंग, साॅफ्ट टाॅयज, बांस/जूट कार्य: हैंड बैग, टोकरी, सजावटी पीस, फाइल कवर, ब्यूटी कल्चर, मोमबत्ती निर्माण, गृहोपयोगी वस्तुओं की पैकेजिंग तथा पेंटिंग, कम्प्यूटर और मोबाइल मरम्मत इत्यादि |
सहयोगी अभिकरण
बजट प्रति कार्यक्रम
तीन माह की अवधि के पाठ्यक्रमों हेतु बजट:
विवरण | ब्योरा | राशि (रू. में) |
प्रशिक्षकों को मानदेय | रू. 5000 प्रति माह के लिए | 15,000 |
कच्चा माल तथा अनुरक्षण | रू. 1500 प्रति माह के लिए | 4,500 |
संगठन खर्चे | 1,500 | |
योग | 21,000 |
इबीवीएसएस केन्द्रों का निरीक्षण
राज्य निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि द्वारा इन केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए। जिला युवा समन्वयक को कार्यक्रम के दौरान कम से कम एक या दो बार दौरा करना चाहिए।
परिमाणयोग्य गतिविधियों पर कार्यक्रम का प्रभाव