भारत में युवावस्था से व्यस्कता की ओर बढ़ रहे लोगों की संख्या सर्वाधिक है। वर्तमान राष्ट्रीय युवा नीति 2014 में युवा कार्यक्रम विभाग, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार में युवा आयु-समूह को 15-29 वर्ष के रूप में परिभाषित किया गया है; जहाँ तक विभिन्न नीतिगत हस्तक्षेपों का सवाल है, अधिक केंद्रित दृष्टिकोण र खने की दृष्टि से। युवा आबादी सबसे गतिशील और जीवंत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। 35 वर्ष से कम आयु की लगभग 65% जनसंख्या के साथ भारत विश्व के सबसे युवा देशों में से एक है। जनसंख्या में 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं के 27.5% जनसंख्या शामिल है। यह अनुमान लगाया जाता है कि वर्ष 2020 तक, भारत की जनसंख्या की औसत आयु 28 वर्ष होगी। यह 'जनसांख्यिकीय लाभांश' एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय युवा नीति दस्तावेज 2014 के मद्देनजर, 15-29 वर्ष की आयु के युवा नेयुकेस के मुख्य कार्यक्रम, योजनाएं, परियोजनाएं और अन्य गतिविधियों के तहत लाभार्थी होंगे, जब तक कि अन्यथा निर्दिष्ट नहीं किया जाता है। हालांकि, फोकस क्षेत्रों की गतिविधियों के लिए स्वैच्छिक कार्यों की आवश्यकता होती है; इस आयु वर्ग से परे के नागरिक भी अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए भाग ले सकते हैं।
युवा वर्ग सर्वाधिक उत्साही तथा संसाधन सम्पन्न भाग होने के कारण, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के पोषण तथा सुदृढ़ीकरण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। चुनौती यह है कि गरीबी से बाहर निकलने, विकास के सृजन तथा जीविका परिणामों की प्राप्ति के लिए उनकी आंतरिक क्षमताओं को उजागर कर विकसित किया जाए, ताकि वे एक स्वस्थ और सार्थक जिंदगी बिता सकें। फिर भी उनके श्रम शक्ति की भागीदारी और उनकी उत्पादकता में वृद्धि से देश के नागरिको के इस वर्ग का योगदान बढ़ाने के लिए एक विशाल क्षमता मौजूद है।
देश भर में प्रत्येक जिले के लिए नेहरू युवा केन्द्र की योजना 1972 में प्रारंभ की गई थी। नेहरू युवा केन्द्र संगठन (ने.यु.के.सं) की भारत सरकार के एक स्वायत्तशासी निकाय के रूप में स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी, जो वर्तमान में युवा कार्य विभाग, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय के अधीन कार्य कर रहा है। सन् 1972 से नेहरू युवा केन्द्रों का भारी विस्तार और विकास हुआ है । नेयुकेस की नेहरू युवा केंद्रों के माध्यम से 623 जिलों में कार्यरत हैं। नई दिल्ली में इसके राष्ट्रीय मुख्यालय के अलावा राज्य स्तर पर 29 कार्यालय हैं। आज, यह दुनिया के सबसे बड़े ग्रामीण युवा संगठनों में से एक है । तथा आज नेहरू युवा केन्द्र देश भर में 623 जिलों में कार्यरत हैं।
एनवाईकेएस की गतिविधियाँ प्रत्येक ब्लॉक में 623 जिलों में 2 राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों (एनवाईवी) द्वारा प्रत्येक में जिला युवा समन्वयक (जिले में नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी) के माध्यम से जिलों में की जाती हैं। नेयुकेस की मुख्य ताकत भारत में 623 जिलों में ग्रामीण स्तर के युवा मंडलों का नेटवर्क है। राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक जिला नेयुके के कार्यालयों और युवा मंडलों के बीच एक अंतरफलक के रूप में कार्य करते हैं और जिनकी सहायता और भागीदारी से नेयुकेस अपने उद्देश्यों को प्राप्त करता है।
नेहरू युवा केन्द्र संगठन युवा कार्यक्रर्म विभाग, युवा कार्यक्रर्म एवं खेल मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों तथा स्कीमों द्वारा युवा विकास के विभिन्न मोर्चों पर कार्य कर रहा है। तथापि एक अवधि में, ने.यु.के.सं के विशाल नेटवर्क और इसकी फील्ड यूनिटों के उपयोग में अनुकरणीय परिवर्तन प्रारंभ हुआ है। राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर सरकार और प्रशासन के बीच समन्वय और तालमेल से वांछित उद्देश्यों और सकारात्मक छवि की प्राप्ति को अधिकतम किया जा सकता है
अतएव, ने.यु.के.सं ग्रामीण युवाओं के विकास एवं सशक्तीकरण के लिए, अपने स्वयं के ग्रामीण युवा कोर कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों, संयुक्त राष्ट्र संगठन तथा अन्य अभिकरणों के समन्वय स्थापित कर विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को आयोजित कर रहा है। यह ने.यु.के.सं की विशाल बाह्य पहुंच के उपयोग हेतु अन्य मंत्रालयों तथा विभागों की सहायता करता रहा है तथा युवाओं को विकास गतिविधियां अधिक प्रभावशाली ढंग से देश भर में निष्पादित करने हेतु अवसर उपलब्ध कराता है।
इस प्रकार नेहरू युवा केन्द्रों के साथ जुड़े युवा न केवल जागरूक, प्रेरित हैं बल्कि स्वैच्छिक प्रयासों के माध्यम से सामाजिक विकास कार्य की दिशा राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में प्रवृत्त हैं। इस सम्पूर्ण अवधि में, ने.यु.के.सं की गतिविधियां आर्थिक एवं गैर-आर्थिक विकास और कल्याणकारी गतिविधियों पर केन्द्रित हैं। इसमें फिट इंडिया मूवमेंट, कोविड-19 महामारी से निबटने के लिए, एक भारत श्रेष्ठ भारत, आपदा मोचन टीमों की स्थापना, महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती, स्वच्छ भारत मिशन - स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप, गंदगी मुक्त भारत अभियान, स्वछता पखवाड़ा, जल शक्ति अभियान, पोषण माह, पर्यटन पर्व का आयोजन, कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता शिविर, आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम नमामि गंगे में युवाओं की सहभागिता कार्यक्रम भारत की स्थापना सहित आर्थिक और गैर-आर्थिक विकास और कल्याणकारी गतिविधियों दोनों पर केंद्रित रहीं। पूर्वोत्तर युवा आदान प्रदान कार्यक्रम निवेशक शिक्षा में युवा भागीदारी, जागरूकता और संरक्षण , संविधान दिवस का आयोजन और उसके बाद की गतिविधियाँ, गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण, जल संरक्षण, योग, शौचालयों के निर्माण की सुविधा, वित्तीय और सामाजिक समावेशन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय फ्लैगशिप योजनाओं को लोकप्रिय बनाना , पौधारोपण, महिला सशक्तीकरण, प्लास्टिक मुक्त गाँव, रक्तदान, कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ युवाओं को जोड़ना, श्रमदान, बेटी बचाओ - बेटी पढाओ, एचआईवी / एड्स की रोकथाम, मद्यपान एवं नशे के दुष्परिणाम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय महत्व के दिवसों का आयोजन, राष्ट्रवाद और देशभक्ति के प्रचार, मतदाता जागरूकता, आदि का युवा मंडलों, युवा स्वयंसेवकों और ग्राम समुदायों की भागीदारी के साथ अन्य मंत्रालयों और प्रशासनों के सहयोग से नेयुकेस द्वारा स्वैच्छिक आधार पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। हालाँकि, अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
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