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युवा मंडल

युवा मंडल

युवा मंडल आन्दोलन - एक रचनात्मक युवा पहल

जानिए सक्रिय युवा मंडल के बारे में

युवा मंडल 15 से 29 वर्ष आयु समूह के युवक/युवतियों का ऐसा संगठन है जो स्वैच्छिक रुप से सामुदायिक गतिविधियों में सहभागी बनना चाहता है। युवा मंडल सदस्य न केवल स्वयं जागरुक एवं जिम्मेदार नागरिक बनना चाहते हैं अपितु अपनी जागरुकता एवं रचनात्मक शक्ति का प्रयोग समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण में करना चाहते हैं। युवा मंडल रचनात्मक ऊर्जा से भरपूर ऐसे युवाओं का समूह है जिसके मन में गांव एवं समाज की उन्नति की उत्कट भावना भरी हुई है साथ ही जिसके मन में सेवा कार्यों के बदले में कुछ प्राप्ति की आशा नहीं हैं। उसकी सेवा पूर्णतः निःस्वार्थ है। नेहरु युवा केन्द्र समस्त युवाओं से अपील करता है कि युवा मण्डल आन्दोलन के सक्रिय सदस्य बनकर सार्वजनिक जीवन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

क्या हो युवा मण्डल की कार्य योजना

युवा/महिला मण्डलों को अपनी वार्षिक कार्ययोजना अवश्य बनाना चाहिये, एवं प्रयास करना चाहिये कि कार्ययोजना के अनुसार वर्षभर कार्यक्रमों का आयोजन हो। कार्ययोजना के अंतर्गत युवा/महिला मण्डल के वार्षिक चुनाव, महत्वपूर्ण दिवस एवं सप्ताहों का आयोजन, खेलकूद की गतिविधियां, स्थानीय महत्व के त्यौहारों के आयोजन में सहयोग आदि कार्यक्रम रखे जा सकते हैं।

कुछ विषय यहां सुझाये जा रहे हैं जिन्हें कार्ययोजना में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। इनके माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाये जा सकते हैं।

नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरुकता

युवा/महिला मण्डल के सदस्यों को चाहिये कि नागरिक कर्तव्यों के प्रति न सिर्फ स्वयं जागरुक हों अपितु समस्त ग्रामवासियों को नागरिक कर्तव्यों के प्रति सचेत करें। इसके लिये स्कूलों एवं ग्राम सभाओं में आवश्यक रुप से चर्चा करें। लोगों को बतायें कि कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के कारण अनेक समस्यायें जन्म लेती हैं। कर्तव्यों के प्रति निरंतर उदासीनता के चलते समस्यायें बड़ी होती जाती हैं। यह बताया जाना भी आवश्यक है कि सार्वजनिक हितों से जुड़े हुए सभी कार्य करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं अपितु हम सबका कर्तव्य है। सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी कार्यक्रम तभी सफल होंगे जब उनके क्रियान्वयन में समाज की भागीदारी होगी। मूक दर्शक नहीं, सक्रिय नागरिक बनकर राष्ट्र के विकास में सहभागी बनें।

सामाजिक समस्याओं का समाधान

हर क्षेत्र में प्रगति होने के बावजूद सामाजिक समस्यायें अभी भी मौजूद हैं। जाति प्रथा, छूआछुत, अंधविश्वास, दहेज प्रथा, बालविवाह आदि समस्यायें अभी भी समाज में देखने को मिलती हैं। यह समस्यायें राष्ट्र के विकास में बाधक हैं। युवाओं को आगे आकर इन समस्याओं के समाधान में अपनी प्रभावी भूमिका का निवर्हन करना चाहिए। नशाखोरी आज की एक प्रमुख समस्या है। स्कूली छात्रों से लगाकर हर उम्र के व्यक्ति इसकी चपेट में हैं। नशाखोरी से समाज में कई विकृतियां पैदा होती हैं। युवा/महिला मण्डलों को प्रयास करना चाहिये कि सभी प्रकार की नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलायें एवं स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।

पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण को संरक्षित करने का कार्य मूलतः समाज का है। जल, जंगल, जमीन, पशु, पक्षी, इन सबका संरक्षण हमारा दायित्व है। इसीलिये नदियों, वृक्षों, पहाड़ों एवं जानवरों को अत्यंत प्राचीनकाल से हमारे यहां पूजा जाता है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में यह कार्य किए जा सकते हैं।

ऊर्जा संरक्षण

जैसे-जैसे भौतिक प्रगति हो रही है, ऊर्जा की मांग भी बढ़ रही है। ऊर्जा के दोनों प्रमुख श्रोत बिजली और तेल की उपलब्धता पर मांग का दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में युवा मण्डलों द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रयास किये जाने चाहिए। ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोत जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि के बारे में संबंधित एजेंसियों से संपर्क कर ग्रामोपयोगी उपकरणों का प्रचार-प्रसार एवं उपयोग प्रोत्साहित किया जा सकता है। बिजली की कम खपत वाले उपकरणों के प्रयोग को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सप्ताह में एक दिन साइकिल के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे तेल की बचत भी होगी एवं पर्यावरण संरक्षण भी हो सकेगा।

स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में भागीदारी

सरकार की ओर से अनेक स्वस्थ्य संबंधी योजनायें प्रचलन में है। गर्भवती माताओं से लगाकर वृद्धों के इलाज तक एवं टीकाकरण से लगाकर विभिन्न जानलेवा बीमारियों के बचाव तक अनेक कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाये जा रहे हैं। इन योजनाओं का लाभ वास्तविक जरुरतों मंदों तक पहुंचे यह काम युवा मण्डलों द्वारा पैदा जागरुकता से हो सकता है। सरकार ने प्रत्येक योजना के क्रियान्वयन के लिए यथासंभव अमला तैनात किया है। यदि स्थानीय युवाओं का सहयोग इस अमले को मिल जाए तो योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सकता है। युवा मण्डल को सिर्फ यह करना है कि वह गांव वालों को योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें और उन्हें शासकीय योजनाओं से लाभ लेने हेतु प्रेरित करें।

शिक्षा के क्षेत्र में

शिक्षा विकास का मूल आधार है। सरकार द्वारा शिक्षा के उन्नयन के लिए प्रयास किया जा रहा है। युवा/महिला मण्डल अपनी पहल के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में यह योगदान दे सकता है -

स्वरोजगार से संबंधित योजनायें

युवा स्वरोजगार संबंधी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें एवं जरुरतमंदों को उनसे लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। रोजगार का आशय सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है। बाजारोन्मुखी अर्थव्यवस्था में जहां रोजगार के नए-नए अवसरों का सृजन हो रहा है, वहीं युवाओं का एक वर्ग बेरोजगारी की समस्या से दो-चार हो रहा है। युवाओं को उपलब्ध अवसरों को पहचानकर आगे बढ़कर पहल करना होगी, साथ ही यह भी समझना होगा कि कड़ी मेहनत ही बेरोजगारी की समस्या का एकमात्र हल है। कृषि के क्षेत्र में नवोन्मेशी पहल करके कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सकता है। कृषि उत्पादों की मांग निरंतर बनी रहती है, अतः युवाओं को इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए। माह में एक दिन श्रमदान

युवाओं के बीच श्रम की प्रतिष्ठा को पुनस्र्थापित करना बेहद आवश्यक है। युवाओं को सोचना चाहिए कि उनके आसपास की ऐसी कौन-सी समस्यायें हैं जिन्हें सिर्फ एक या दो दिनों के श्रमदान से हल किया जा सकता है। अगर हम खुले मन से विचार करें तो पायेंगे कि ऐसी अनेक समस्यायें हमारे आप-पास हैं, जिन्हें महज श्रमदान से हल किया जा सकता है।

युवा मण्डल सदस्य पहले समस्या की पहचान करें, पश्चात उसे श्रमदान से हल करने की रणनीति बनायें। इस काम में स्थानीय ग्रामपंचायत का सहयोग अवश्य ही प्राप्त किया जाना चाहिए। श्रमदान के तहत जलस्त्रोतों की सफाई एवं मरम्मत, सोख्ता गढ्ढों का निर्माण, सार्वजनिक भवनों की पुताई, वृक्षारोपण, रास्तों का समतलीकरण खेल मैदानों का रखरखाव, सार्वजनिक संपत्ति का रखरखाव आदि किया जा सकता है। इससे जहां गांव की एक समस्या का समाधान होगा वहीं गांव में युवा मण्डल की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

जनकल्याणकारी योजनाओं में सहभागिता

सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्यों आम जन के जीवन को सुखमय बनाना है। यह तभी होगा जब क्रियान्वयन एजेंसी और स्थानीय लोगों के बीच बेहतर समन्वय हो। योजना के मूल उद्देश्यों एवं क्रियान्वयन के तौर-तरीकों के बारे में स्थानीय लोग जागरुक हों। यह जागरुकता युवा मण्डल के सदस्य पैदा कर सकते हैं। युवा मण्डल के सदस्यों को चाहिए कि ग्रामीणों को योजनाओं के बारे में जानकारी दें। आवश्यकतानुसार कागजी कार्यवाही करने में उनकी मदद करें।

कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए जागरुकता

कैशलेस अर्थव्यवस्था संबंधी जागरुकता वर्तमान में प्राथमिकता पर है। डिजिटल भुगतान संबंधी जानकारियां ग्रामीण अंचल में प्रचारित करना एक बड़ी आवश्यकता है। इस संबंध में शासकीय एवं बैंकों की योजनाओं से समन्वय स्थापित कर युवा अधिक से अधिक जागरुकता पैदा कर सकते हैं।

स्थानीय महत्व के कार्य

युवा मण्डल की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरुप कार्यों को हाथ में लेता है अथवा नहीं। स्थानीय संस्कृति, कला, खेल, समस्या आदि की पहचान कर तदनुरुप कार्ययोजना बनाई जाना चाहिये। कार्ययोजना का समयबद्ध क्रियान्वयन एवं स्थानीय ग्राम पंचायत एवं नागरिकों का सहयोग भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये। कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन, व्यक्तिगत स्वच्छता, स्वयंसेविता, युवा नेतृत्व, जीवन कौशल शिक्षा एवं मतदाता जागरुकता जैसे मुद्दे भी युवा मण्डलों को अपने हाथ में लेना चाहिये। नेहरु युवा केन्द्र संगठन एवं युवा मण्डल आन्दोलन का उद्देश्य केवल समस्याओं की पहचान नहीं अपितु समस्याओं के समाधान में युवा मण्डलों की भूमिका सुनिश्चित करना है। युवा/महिला मण्डल गठन/पुनर्गठन, पंजीयन एवं अन्य जानकारी के लिए विकास खण्ड के राष्ट्रीय युवा कोर स्वयंसेवक अथवा कार्यालय नेहरु युवा केन्द्र, उज्जैन से संपर्क करें।

 

 

 

 

प्रधान कार्यालय: नेहरू युवा केन्द्र संगठन, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (भारत सरकार)
4 - जीवन दीप भवन, संसद मार्ग, भूतल, दिल्ली - 110 001 (भारत)
दूरभाष : 91-11-23442800

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